प्राकृतिक चिकित्सा जिसे अंग्रेजी में “Naturopathy” कहा जाता है, एक प्राकृतिक और अनुषासनिक उपचार पद्धति है जो शरीर की स्वास्थ्य और रोगों का उपचार करने के लिए प्राकृतिक तत्वों का उपयोग करती है। इस चिकित्सा पद्धति का उद्देश्य संतुलित और स्वास्थ्यमय जीवन जीने के लिए प्राकृतिक उपचार और उत्पादों का प्रचार-प्रसार करना है। यह चिकित्सा पद्धति विभिन्न प्राकृतिक तत्वों जैसे पानी, धूप, हवा, आहार, व्यायाम और मसाज का उपयोग करती है।

प्राकृतिक चिकित्सा के नीचे कुछ मुख्य सिद्धांत हैं:

  1. प्राकृतिक शक्ति का उपयोग: यह सिद्धांत विश्वास करता है कि शरीर में एक स्वाभाविक चिकित्सा प्रणाली होती है जो रोगों का उपचार कर सकती है।
  2. पञ्चतत्व उपचार: इसमें पानी, वायु, अग्नि, पृथ्वी, और आकाश जैसे पाँच तत्वों का उपयोग रोगों के उपचार में किया जाता है।
  3. आहार और पोषण: प्राकृतिक चिकित्सा में सही आहार और पोषण का महत्व बताया जाता है। स्वास्थ्य और रोग के लिए सही आहार की गई सलाहों का पालन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
  4. प्राकृतिक उपाय: यह चिकित्सा पद्धति विभिन्न प्राकृतिक उपाय जैसे जलनेती, मुद्राएँ, ध्यान, योग आसन और वनवास का उपयोग करती है।
  5. नैरोवेशनिक चिकित्सा: नैरोवेशनिक चिकित्सा उपायों में एनीमल, मिनरल और वनस्पति के तत्वों का उपयोग होता है जो शरीर को शक्ति देने और रोगों से निपटने में मदद करते हैं।

प्राकर्तिक चिकित्सा आमतौर पर अन्य चिकित्सा पद्धतियों के साथ मिलकर उपयोग की जाती है और कुछ खास रोगों में एक विकल्प चिकित्सा के रूप में भी इस्तेमाल की जाती है। हालांकि, सभी रोगों के लिए इसका उपयोग सुरक्षित नहीं हो सकता है, इसलिए संबंधित वैद्यकीय पेशेवरों से सलाह लेना महत्वपूर्ण है।

कृपया ध्यान दें कि यह जानकारी मेरे ज्ञान के अनुसार है और यहां दी गई जानकारी को बदलते समय के आधार पर सत्यापित करना उचित होगा।

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