पंचतिक्त घृत गुग्गल

kanchan kumar
पंचतिक्त घृत गुग्गुल
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पंचतिक्तपरिचय- पंचतिक्त घृत गुग्गुल का उपयोग सामान्यतया आयुर्वेद विशेषज्ञ द्वारा रक्त विकार यानी कि त्वचा से संबंधित रोगों में किया जाता है ।पंचतिक्त क्या है?

पंचतिक्त घृत गुग्गुल के घटक द्रव्य

  1. गाय का घी ८ भाग
  2. शुद्ध भल्लातक १ भाग
  3. विडंग १ भाग
  4. पिप्पली मूल १ भाग
  5. गज पिप्पली १ भाग
  6. शताव्हा १ भाग
  7. स्वर्जिक्षार १ भाग
  8. सोंठ १ भाग
  9. हल्दी १ भाग
  10. चव्य १ भाग
  11. कुलांजन १ भाग
  12. काली मिर्च १ भाग
  13. जीरक ( सफेद) १ भाग
  14. कुटका १ भाग
  15. वचा १ भाग
  16. पाठा १ भाग
  17. अतिविषा १भाग
  18. देवदारू १ भाग
  19. यवक्षार १ भाग
  20. हरीतकी( हरड ) १ भाग
  21. विभितकी( बहेड़ा) १ भाग
  22. आमलकी( आंवला) १ भाग
  23. इंद्रयव १ भाग
  24. मंजिष्ठा १ भाग
  25. अजमोदा १ भाग
  26. ज्योतिषमति का तेल १ भाग
  27. चित्रक मूल १ भाग
  28. शुद्ध गुग्गुल ( त्रिफला द्वारा शोधित) १६ भाग

गोली के रूप में प्रत्येक आयुर्वेदिक मेडिकल स्टोर पर उपलब्ध है ।

भावना-

नीम की छाल का काढ़ा, गिलोय का काढ़ा, वासा पत्र का स्वरस, पटोल का काढ़ा, कंटकारी का काढ़ा ।

इन सभी पंचतिक्त औषधियों के क्वाथ एवं रस की भावना दी जाती है । भावना देने से इन सभी औषधियों के गुण टेबलेट में समाहित हो जाते हैं ।

पंचतिक्त घृत गुग्गुल का उपयोग-

  • सभी प्रकार के त्वचा से संबंधित विकारों में इसका उपयोग किया जाता है । खाज खुजली दाद एग्जिमा या अन्य कोई चमड़ी का रोग सभी में उपयोग किया जाता है ।
  • शरीर में होने वाले सभी प्रकार की रोग जोड़ों का दर्द, कमर दर्द, शरीर की अकड़न सभी में यह काम करता है ।
  • पुराना नासूर, नाड़ी व्रण मैं उपयोग किया जाता है ।
  • शरीर में पित्त की गर्मी से होने वाला जोड़ों का दर्द ( वातरक्त) इसका प्रयोग किया जाता है ।
  • अर्बुद ( शरीर में किसी जगह पर गांठ हो जाना) में भी इसका प्रयोग किया जाता है ।
  • अर्श भगंदर( मस्सा बवासीर) में भी इस औषधि का प्रयोग किया जाता है ।
  • मधुमेह रोगियों को भी आयुर्वेद चिकित्सकों द्वारा इस औषधि का प्रयोग करवाया जाता है ।
  • पीनस तथा गुल्म रोग में भी इसका उपयोग किया जाता है ।

पंचतिक्सेत घृत गुग्गल की सेवन मात्रा-

दो से 4 गोली दिन में दो से तीन बार चिकित्सक के निर्देशानुसार ही सेवन करें ।

पंचतिक्त घृत गुग्गुल में अनुपान –

महामंजिष्ठादि काढ़ा, खदिरारिष्ट, गुनगुने पानी या रोग के अनुसार चिकित्सक के निर्देशानुसार ।

सावधानी-

औषधि को एयरटाइट डब्बे में रखें ।

बच्चों की पहुंच से दूर रखें ।

चिकित्सक के अनुसार की सेवन करें

स्त्रोत – रस तंत्र सार सिद्ध प्रयोग संग्रह-२

चेतावनी- यहां पर दी गई समस्त जानकारी चिकित्सा परामर्श नहीं है । किसी भी आयुर्वेदिक औषधि के सेवन से पूर्व आयुर्वेद विशेषज्ञ की सलाह अनिवार्य है ।

( और पढ़ें..महायोगराज गुग्गुल……)

( और पढ़ें..कैशोर गुग्गुलु का उपयोग……)

( और पढ़ें…..आयुर्वेद के अनुसार दिनचर्या कैसी होनी चाहिए? Daily routine with Ayurveda…)

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