धातक्यादि तेल dhatkyadi tail

kanchan kumar
धातक्यादि तेल
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धातक्यादि तेल dhatkyadi tail – महिलाओं में योनि vagina में संक्रमण एक आम समस्या है। साफ सफाई का ध्यान न रखने अथवा आपके साथी के कारण आपको योनि vagina में संक्रमण हो सकता है। कई बार फंगस एवं ईस्ट इन्फेक्शन fungal and yeast infection सामान्य दवाइयों के बाद ठी क हो जाता है। धातक्यादि मेडिसिन है जो महिलाएं प्रयोग में लाकर लाभ ले सकती है। आइए जानते हैं-

धातक्यादि तेल के घटक द्रव्य

  1. धाय के फूल
  2. आंवला
  3. तेजपत्ता
  4. जल बैत
  5. कमल के फूल
  6. जामुन की गुठली
  7. मुलेठी
  8. आम की गुठली
  9. कसीस
  10. लोध्र
  11. कायफल
  12. तेंदू की छाल
  13. कच्ची फिटकरी
  14. अनार की छान
  15. गूलर की छाल
  16. कच्चे बेल फल

धातक्यादि तेल dhatkyadi tail बनाने की विधि-

( चरक संहिता के अनुसार) उपरोक्त सभी औषधि द्रव्य को लगभग10-10 ग्राम की मात्रा में लेकर बारीक पाउडर बना ले। इसके बाद पाउडर को बकरी के मूत्र में इतना मिलाएं की लुगदी बन जाए। कढ़ाई में 1 लीटर तिल का तेल लगभग 2 लीटर बकरी का मूत्र और लगभग 2 लीटर बकरी का दूध हल्की आंच पर पकाया जाता है। प्राप्त तेल को उपयोग में लाया जाता है ।

धातक्यादि तेल dhatkyadi tail के फायदे

  1. स्त्रियों के योनि से संबंधित रोगों का इलाज धातक्यादि तेल dhatkyadi tail के द्वारा किया जाता है। (जैसे विलुप्ता , परिलूप्ता, वातज योनि रोग)
  2. योनि में संक्रमण होने की स्थिति में रुई में फोहा बनाकर इस तेल को रात भर रखा जाता है। अथवा उत्तर बस्ती ( उत्तर बस्ती यंत्र एक तरह की पिचकारी द्वारा डाला जाता है।
  3. योनि में सूजन की स्थिति में भी धातक्यादि तेल dhatkyadi tail का प्रयोग फायदेमंद होता है। रुई का फोहा बनाकर अथवा उत्तर बस्ती द्वारा
  4. योनि में संक्रमण अथवा अन्य कारण से योनि का बहार निकल जाने की समस्या में भी इसका प्रयोग फायदेमंद होता है।
  5. योनि में दर्द, योनि में घाव हो जाना, पीप निकलना इत्यादि समस्या में प्रयोग करने से फायदा होता है।
  6. इसकी मालिश कमर , पेडू वाले भाग पर करने से योनि में होने वाले दर्द में राहत मिलती है।

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धातक्यादि तेल dhatkyadi tail उपयोग करने का तरीका

मेडिकल से रुई लाए और रुई के फ़ोहे को एक धागे से बांध दे। धागा इतना लंबा रहे जो बाहर लटकता रहे ताकि निकालते समय आसानी रहे। रात को सोते समय धागे से बंधे हुए रुई के फ़ोहे धाताक्यादी तेल dhatkyadi tail में भीगा कर योनि में अंदर की तरफ गहराई में रखें। सुबह स्नान करते समय निकाल दे।

आराम होने तक लगातार प्रयोग करें।

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धातक्यादि तेल dhatkyadi tail प्रयोग में सावधानी

प्रयोग के दौरान सहवास निषेध।

धातक्यादि तेल dhatkyadi tail कहां से खरीदें?

हर आयुर्वेदिक मेडिकल स्टोर पर आसानी से उपलब्ध है ।

चेतावनी- इस लेख में दी गई समस्त जानकारी चिकित्सा परामर्श नहीं है। किसी भी आयुर्वेदिक दवा के प्रयोग से पूर्व विशेषज्ञ चिकित्सक की सलाह लेवे।

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