आयुर्वेदिक तेल बनाने की विधि – आपने आयुर्वेदिक तेल और घी का प्रयोग कभी ना कभी दवा के रूप में जरूर किया होगा । क्या आप जानते हैं कि यह किस तरह से बनाए जाते हैं आइए हम जानते हैं कि आखिर आयुर्वेदिक ही तेल का निर्माण कैसे किया जाता है ?
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कल्क बनाना
सबसे पहले जिन औषधियों से घी /तेल का निर्माण करना है । उन औषधियों को कल्क रूप में तैयार करना पड़ेगा । अब आप सोच रहे होंगे कल्क क्या है? ताजा औषधियों को जब कूट पीसकर उसकी मूल जड या पत्तों की लुगदी बनाई जाती है । उसी को कल्क के कहते हैं।
कैसे बर्तन का प्रयोग करें?
मात्रा के अनुसार – पीतल की कढ़ाई जो कलई की हुई हो उपयोग में ले वे।
तेल या घी की कितनी मात्रा?
औषधि के कल्क के द्रव्य से 4 गुना तेल या घी का प्रयोग करना चाहिए।
पानी की मात्रा
तेल से 4 गुना पानी का प्रयोग करना चाहिए।
आयुर्वेदिक तेल बनाने की विधि
सबसे पहले औषधियों का कल्क यानी कि औषधि की लुगदी को 4 गुना घी या तेल में मिलाएंगे। इसके बाद घी या तेल से 4 गुना की मात्रा में पानी मिलाएंगे। हल्की आंच पर पानी और द्रव भाग जल जाने तक पकाएंगे ।
कैसे पता करेंगे पका है या नहीं
अंगुली से कल्क को दबाने पर या मसलने पर बत्ती की तरह हो जाए तो समझ लेना पाक सही हुआ है । कल्क को आग में डालने पर तड़ तड़ की आवाज नहीं आनी चाहिए।
घी सिद्ध होने पर झाग आना बंद हो जाते हैं।
और तेल के सिद्ध होने से पहले जाग आ जाते हैं।
आयुर्वेद में कई प्रकार की घी तेल का प्रयोग औषधीय उपयोग के लिए किया जाता है । काष्ट औषधियों की कठोरता के अनुरूप पानी की मात्रा में बढ़ोतरी 8 गुना , 16 गुना की जा सकती है ।
निर्माण विधि स्त्रोत- रस तंत्र सार सिद्ध प्रयोग संग्रह प्रथम खंड
चेतावनी – इस लेख का उद्देश्य शेक्षणिक है । किसी भी दवा के बनाने व सेवन प्रयोग से पहले आयुर्वेद चिकित्सक की सलाह अवश्य लेवे ।
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