रस पर्पटी के फायदे

kanchan kumar
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रस पर्पटी के फायदे-रस पर्पटी एक आयुर्वेदिक दवा है । जो विशेष रूप से आमाशय एवं आंतों से जुड़े हुए रोगो के लिए विशेष लाभकारी है । जैसे संग्रहणी, अतिसार, पेट के छाले, आंतों में होने वाले छाले, आंतों में सूजन, बवासीर जैसी कई बीमारियों के लिए आयुर्वेद चिकित्सकों द्वारा सेवन करवाया जाता है । पर्पटी कल्पना में औषधि की मात्रा को धीरे धीरे बढ़ाया जाता है निश्चित समय के लिए । धीरे-धीरे औषधि की मात्रा को कम किया जाता है । आइए जानते हैं और भी रसपर्पटी के बारे में ।

रस पर्पटी के घटक द्रव्य

  1. शुद्ध पारद
  2. शुद्ध गंधक

भावना द्रव्य

भांगरे की रस में गंधक का 7 दिन तक मर्दन किया जाता है ।

पारद को भृंगराज काकामाची जया पत्र भांग अरंडी के पत्तों में 3 दिन तक रस का स्वेदन किया जाता है । इसके बाद रस पर्पटी का निर्माण किया जाता है ।

सेवन मात्रा-

125 मिलीग्राम से 250 मिलीग्राम रोगी की शक्ति के अनुसार दिन में 3 बार धीरे-धीरे मात्रा बढ़ाई जाती है । रस पर्पटी शहद के साथ अथवा देसी शुद्ध घी अथवा दूध के साथ हींग और जीरे के साथ चिकित्सक के निर्देशानुसार सेवन करवाया जाता है ।

रस पर्पटी के फायदे एवं उपयोग –

  • संग्रहणी रोग में
  • आंतों में छाले होने की स्थिति में
  • दस्त की शिकायत में
  • भोजन का पाचन सही से ना होने की स्थिति में ।
  • पेट दर्द में ।
  • बवासीर की शिकायत में ।
  • अमाशय में पित्त स्त्राव कम पानी की वजह से भोजन ठीक से ना बचने की स्थिति में ।
  • आंतों में सूजन होने पर
  • बार-बार होने वाला पतला दस्त ।
  • पाचन की क्रिया गड़बड़ हो जाने की स्थिति में ।
  • दुर्गंध के साथ होने वाले दस्त ।
  • दूषित खानपान की वजह से पेट में होने वाली कीड़ों को नष्ट करने में ।
  • चावल के धोबन के समान होने वाले दस्त के लिए ।
  • खाने के तुरंत बाद होने वाली दस्त की शिकायत में । थोड़ी थोड़ी देर में बार-बार होने वाली दस्त।
  • जब अफीम युक्त औषधिया भी कार्य करना छोड़ दें ।
  • आम का पाचन होता है ।
  • उपदंश जनित बार-बार होने वाली दस्त की शिकायत में ।
  • पुराने अतिसार में रसपर्पटी के साथ में लघु गंगाधर चूर्ण जातिफलादि चौहान मिलाकर देने से फायदा होता है ।

और पढ़े ..पर्पटी क्या होता है

सावधानी

रस पर्पटी की प्रकृति पित्त को बढ़ाने वाली है । इसलिए पित्त प्रकृति के रोगियों के लिए फायदेमंद नहीं है।

पर्पटी कल्पना का उपचार प्रशिक्षित वैद्य की सलाह से करें ।

कहाँ से ख़रीदे ?

हर आयुर्वेदिक मेडिकल स्टोर पर उपलब्ध है । ऑनलाइन खरीदने के लिए चित्र पर क्लिक करें ।

रस पर्पटी के सेवन करते समय क्या ध्यान रखें?

  • नमक का सेवन बंद करवाएं ।
  • अन्न जल का त्याग औषधि चलने तक करवाएं । चिकित्सक के निर्देशानुसार ।
  • पानी जरूरत पड़ने पर गर्म करके ठंडा होने के बाद सेवन करवाएं ।
  • 40 दिन तक लगातार रस पर्पटी का सेवन (चिकित्सक के निर्देशानुसार )
  • ब्रह्मचर्य का पालन करें ।
  • तेल से बने हुए खाद्य पदार्थ ना खाएं ।
  • केले का सेवन ना करें ।
  • मानसिक चिंता ना करें
  • काम क्रोध से दूर रहे ।
  • मांसाहार का सेवन ना करें ।
  • खट्टे खाद्य पदार्थ इमली आमचूर दही का प्रयोग ना करें ।
  • गन्ने का रस सेवन ना करें । गन्ने से बने हुए खाद्य पदार्थों का सेवन ना करें ।
  • सभी प्रकार के व्यसन का त्याग करें ।
  • चाय ठंडी करके पिए ।
  • नारियल पानी का सेवन करें ।
  • ताजा दूध का सेवन करें ।
  • चिकित्सक के निर्देशानुसार आहार का सेवन करें ।

चेतावनी

लेख में दि गई समस्त जानकारी चिकित्सा परामर्श नहीं है ! किसी भी आयुर्वेदिक औषधि के सेवन से पूर्व आयुर्वेद चिकित्सक की सलाह जरुर लेवे !

और पढ़े ..खमीरा गावज़बाँ सादा

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