सांडू वासा सिरप-क्या आपको खांसी आती है? क्या आप को सांस लेने में तकलीफ हो रही है? क्या आपको नाक से पानी बहता है? क्या आपको एलर्जीक जुकाम रहता है ? तो जान लीजिये आयुर्वेदिक सिरप के बारे में
Table of Contents
सांडू वासा सिरप के घटक द्रव्य ( हर 5मिलीलीटर की दवाई में)
- वासा 400 मिलीग्राम
- पिपली 75 मिलीग्राम
- सोंठ 50 मिलीग्राम
- मुलेठी 50 मिलीग्राम
- तुलसी 50 मिलीग्राम
- बहेड़ा 34 मिलीग्राम
- टंकण 25 मिलीग्राम
- लोंग 5 मिलीग्राम
- शर्करा आवश्यकता के अनुसार
सांडू वासा सिरप के फायदे-
- कफ को बाहर निकालने वाला कफ को पतला करके बाहर निकालता है साथ ही साथ श्वास नली को विस्तारित कर कब को निकालने में सहायक और सांस लेने की कठिनाई को दूर करने वाला होता है । श्वसन मार्ग को सुगम बनाता है ।
- कफ को दूर करने वाला( कफघ्न )
- सूखी खांसी में भी फायदेमंद रहता है ।
- गले में जलन या खराश होने पर लाभदायक ।
- मौसम की होने वाली सर्दी खांसी जुकाम के साथ सांस चलने की बीमारी में बीज का उपयोग चिकित्सकों द्वारा करवाया जाता है ।
- कफ के साथ खून आने जैसी स्थिति में भी आराम पहुंचाता है ।
विशिष्ट तथ्य –
- वासा में सूजन को कम करने वाले और एंटी एलर्जी गुण पाए जाते हैं ।
- वासा ब्रोंकोडाइलेटर अर्थात श्वास नली ओ को विस्फारण करने के गुण होते हैं ।
- वासा में एंटीबैक्टीरियल गुण भी पाए जाते हैं ।
- पिपली एंटी एलर्जीक और सूजन को कम करने वाली औषधि है ।
- सोंठ दर्द को दूर करने वाली, बुखार को कम करने वाली साथ ही साथ एंटी बैक्टीरियल का गुण भी पाया जाता है ।
- मुलेठी सूजन कम करने का और बुखार को उतारने का काम करती है । साथ ही साथ इसमें भी जीवाणु नाशक के गुण पाए जाते हैं ।
- तुलसी अपने आप में एक अद्भुत औषधि है । एलर्जी रोधी एंटीहिस्टामाइन का कार्य करती है ।
- बहेड़ा का उपयोग कई औषधियों के साथ किया जाता है । इस औषधि में अलग-अलग अनुपात में अलग-अलग अनुपान के साथ विभिन्न रोगों में दिया जाता है । वासा सिरप में एंटी ऑक्सीडेंट का कार्य करता है ।
- लोंग बुखार को उतारने वाला और जीवाणु नाशिक गुण पाए जाते हैं ।
सांडू वासा सिरप सेवन मात्रा-
वयस्कों में –10ml से 15ml दिन में दो से तीन बार ।
बच्चों में- 2:50 मिलीलीटर से 5 मिलीलीटर की मात्रा दिन में दो से तीन बार । चिकित्सक के निर्देशानुसार ही सेवन करवाएं ।
कहाँ से ख़रीदे ?
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सावधानी-
- औषधि का प्रयोग चिकित्सक की देखरेख में करें ।
- निर्माण तिथि एवं अवसान तिथि का लेवल चेक करें ।
- निर्देशित मात्रा से अधिक मात्रा में औषधि का सेवन ना करें ।
- सिरप के सेवन के तुरंत बाद पानी का सेवन ना करें ।
- छाछ ,दही ,अचार ,आमचूर का प्रयोग औषधि सेवन के समय बंद कर दें ।
- फास्ट फूड बाजार की तली हुई चीजों का प्रयोग ना करें ।
- ठंडी हवा में मुंह पर कपड़ा बांधकर आवश्यक हो तो बाहर जाए ।
- ठंडे पेय पदार्थ का सेवन ना करें ।
चेतावनी-इस लेख की समस्त जानकारी चिकित्सा परामर्श नहीं है । किसी भी आयुर्वेदिक औषधि का सेवन करने से पूर्व चिकित्सक की सलाह आवश्यक है ।
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